बिहार(मधुबनी) कोरोना मरीज मिलने से बासोपट्टी प्रखंड मे स्थिति बेकाबू.....

मधुबनी | जिले में रविवार को कोरोना के सात संदिग्ध मरीजों के मिलने से सनसनी फैल गई। बासोपट्टी थाना क्षेत्र के जोकी गांव में कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध एक मरीज मिला। वह शुक्रवार को ही बंगलुरु से अपने घर आया था। इधर, झंझारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी एक ही गांव के छह लोग कोरोना की जांच के लिए पहुंचे। चिकित्सक ने जैसे ही उन्हें 12 घंटे तक अस्पताल में रहने को कहा, सभी भाग गये।


बंगलुरु से आया युवक बुखार से पीड़ित है। छतौनी पंचायत के मुखिया सुरेंद्र मंडल ने बताया कि युवक में कोरोना वायरस से संक्रमण के सभी लक्षण दिखाई दे रहे हैं। सिर दर्द व तेज फीवर है। खांसी व छींक की भी समस्या है। आज उसे उल्टी भी हुई है। मुखिया ने बताया कि शनिवार से ही स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को इसकी सूचना दी जा रही थी। चिकित्सक रविवार देर शाम एंबुलेंस लेकर उसके घर पहुँचे और ले गये। बीडीओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उक्त युवक को प्राइवेट गाड़ी से भेजने का प्रयास किया गया। लेकिन, मामला सुनते ही चालक भाग निकला। उसे एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेजा गया। बासोपट्टी की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शीला आजाद ने बताया कि संदिग्ध मरीज को कोरोना वायरस है कि नहीं, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी।


दूसरी ओर झंझारपुर के अनुमंडलीय अस्पताल में एक साथ छह लोग पहुंचे। सभी महरैल गांव के थे। सभी ने खुद को कोरोना संक्रमण का संभावित मरीज बताते हुए जांच करने को कहा। जनता कफ्र्यू के दिन बंद वाहन से एक साथ छह लोगों के पहंुचने से अस्पताल में हलचल मच गयी। यहां मात्र तीन बेड का आइसोलेशन वार्ड है। इस दौरान इमरजेंसी में डॉ. सृष्टि मौजूद थीं। इन लोगों ने सर्दी-खांसी होने पर एहतियात के तौर पर जांच करवाने की बात बतायी थी। चिकित्सक ने सभी से प्रारंभिक पूछताछ के बाद 12 घंटे अस्पताल में ही चिकित्सक की देखरेख में रहने की सलाह दी। इतना सुनने के बाद सभी अस्पताल से भाग निकले। अस्पताल प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक, इन छह लोगों को पंचायत के मुखिया ने अस्पताल में इलाज के लिए भेजा था ||